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MAHATMA GANDHIJI KE BARE ME JANKARI OR ROCHAK FACTS

MAHATMA GANDHIJI KE BARE ME JANKARI OR ROCHAK FACTS ,  महात्मा गांधीजी के बारे में जानकारी ओर रोचक फैक्ट्स ।

महात्मा गांधी जिन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चल कर हमारे भारत देश को अंग्रेजो से आज़ादी दिलवाई । जिन्हें आज हम राष्ट्रीय पिता के रूप में जानते  है । महात्मा गांधीजी को उनके आदर्श जीवन के कारण ही अपने जीवनकाल के दौरान महात्मा , बापू , साबरमती के संत जैसी कई उपाधियों से भी सम्मानित किया गया था । जो कि भारत के कई अन्य महापुरुषो ने उनके जीवन को देख ओर उनके साथ रहकर उनको जानकर इन उपाधियों से उन्हें नवाजा था ।


             Photo credit pixabay.com


महात्मा गांधीजी के सादे जीवन के बारे में तो हम सब परिचित ही है , जिनका पहनावा ओर रहन सहन को देखकर यह नही लगता कि उन्होंने वकीलात जैसी बड़ी डिग्री भी हासिल की हो । पर भारत के लोगो की दशा देखकर ही उन्होंने अपने जीने का तरीका ओर रहन सहन भी बदल दिया था । ओर एक सादा जीवन शुरूकर अपना पूरा जीवन भारत को  आज़ाद करने में लगा दिया था ।

आज हम उसी महा पुरुष के बारे में जानने वाले है , जिन्हों ने हमे आज़ादी दिलवाई । जिनके द्वारा अपनाए हुऐ सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने की हमे प्रेरणा दी , जिनका जन्म दिवस भी पूरे विश्व मे " विश्व अहिंसा दिवस  " के रूप में मनाया जाता है ।

MAHATMA GANDHIJI, महात्मा गांधीजी

महात्मा गांधीजी ,  जिनका पूरा नाम मोहनदास करंचन्द गांधी था । जिनका जन्म गुजरात के पोरबंदर में 2 October 1869 को हुआ था । जिनके माता का नाम पुतलीबाई ओर पिता का नाम करंचन्द गांधी था । गांधीजी ने अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई राजकोट की सर आल्फ्रेड हाईस्कूल में की ओर भावनगर की शामलदास गांधी कॉलेज में कॉलेज की पढ़ाई की थी । और उसके बाद उच्च अभ्यास के लिए लंदन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UGL) में जाकर वकीलत की शिक्षा ली ।

1891 में लंदन में अपनी वकीलात की पढ़ाई पूरी कर गांधीजी भारत आये , ओर उसके बाद 1993 में शेठ अब्दुल्ला के केश को लड़ने के लिए फिरसे दक्षिण अफ्रीका चले गए । जहाँ पर उन्हें रंग-भेद के नीतियों का काफी सामना करना पड़ा , जिसके कारण उन्होंने इस नीति का विरोध कर लड़त चलाई , जिससे वहां रहनेवाले भारतीयो, जो भारत को आज़ादी दिलाने की इश्शा रखने वाले भारतीय नेताओं का ध्यान खींचा । इस तरह दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले कई भारतीयों के हक ओर वहां की रंगभेद की नीतियों को खत्म किया ।

उसके बाद 9 जनवरी 1915 में गांधीजी भारत हमेशा के लिए आ गये , ( जिसके कारण ही आज 9 जनवरी को भारतीय प्रवासी दिवस के रूप में  मनाया जाता है ) ओर उसके बाद गांधीजी ने भारत मे आते ही , यहा पर भारतीयों पर हो रहे अंग्रेजो के अन्यायों ओर हिंसा को  देखा , जिसके कारण उन्हें बहुत ही दुःख हुआ , ओर उन्होंने इन अत्याचारों से भारत के लोगो को मुक्त कराने का फैसला लिया । इसके चलते उन्हों ने पूरे भारतभर में कई अहिंसक आंदोलन किये , जिनकी वजह से गांधीजी के बारे में भारत के लोगो को जानने मिला , ओर भारत के कई आज़ादी के लिए लड़ रहे प्रमुख नेताओ से भी मिल पाए । और इसके साथ ही भारत की आज़ादी के लिए गांधीजी की लड़त की शुरुआत हो गई ।

गांधीजी ने अपनी लड़त के दौरान कई सत्याग्रह किये थे , जिनमे से चंपारण सत्याग्रह , खेडा सत्याग्रह , खिलाफत आंदोलन , रोलेट सत्याग्रह , असहकार आंदोलन , नमक का सत्याग्रह , बारडोली सत्याग्रह , ओर हिन्द छोड़ो सत्याग्रह सामिल है । इन सब सत्याग्रहो की लड़त में गांधीजी ने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाया था और उपवास का भी सहारा लिया था ।

GANDHIJI KE BARE ME ROCHAK FACTS , गांधीजी के बारे में रोचक फैक्ट्स ।

◆ गांधीजी ने अपने 78 साथियों को लेकर दांडीकुंच ( नमक का सत्याग्रह ) की थी , जिसको दुनिया के 10 सबसे बड़े सत्याग्रहों में स्थान मिला है । ( जिसकी शुरुआत गांधीजी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से लेकर नवसारी के दांडी तक (385 किलोमीटर )अपने 78 साथियों सहित पैदल चल कर पूरी की थी ।)

◆ आज पूरी दुनिया 2 October को "विश्व अहिंसा दिन " के रूप में मना रही है, जो की 2 ओक्टोम्बर गांधीजी का जन्मदिन होने के कारण उनके सम्मान में मनाया जाता है ।

◆ 9 जनवरी 1915 को गांधीजी भारत लौटे थे ,  जिसके कारण 9 जनवरी को हरसाल " भारतीय प्रवासी दिवस " के रूप में मनाया जाता है । इस दिन विदेश में रहने वाले भारतीयो को भारत की संस्कृति से जोड़े रखने के लिए उन्हें भारत बुलाकर  सम्मान दिया जाता हैं।

◆ महात्मा गांधीजी का विवाह मात्र 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी से हो गया था ।

◆ गांधीजी को अपने जीवन के दौरान कई अपमानों ओर आपत्ति ओ का सामना भी करना पड़ा था , पर गांधीजी  इन सब आपत्तियों को अपने जीवन मे बदलाव लाने का एक अहम हिस्सा मानते थे  ।

◆ गांधीजी हर एक सोमवार को मौनव्रत पालते थे ।

◆ गांधीजी ने अपना आध्यात्मिक गुरु श्री मद रामचंद्रजी को ओर अपना राजनीतिक गुरु गोपालकृष्ण गोखलेजी को माना था ।

◆ गांधीजी अपनी हर एक परिस्थिती से लड़ने के लिए सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाते थे , ओर उनके पहनावे में पूर्ण स्वदेशी अपने ही आश्रम में चरखा लगाकर बनाया गये धोती ओर ओर सूत से बनी साल को पहनते थे । साथ ही अपने आत्मशुद्धि के लिए उपवास भी करते थे।

◆ गांधीजी शरुआत में अंग्रेजो के अनुयायी रहे थे , जिनके कारण अंग्रेजो ने उसे " केशर ए हिन्द " की उपाधि से सम्मानित भी किया था , पर बाद में गोपालकृष्ण गोखले जी के विचारों से प्रभावित किया इसके बाद उन्होंने भारत की आज़ादी के लिए काम करना शुरू किया , ओर गोपालकृष्ण गोखले जी को अपना राजनीतिक गुरु भी माना।

◆ महादेवभाई देशाई गांधीजी के रहस्य मंत्री थे।

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